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दिल्ली बॉर्डर पर 450 करोड़ की लागत से बन रहा मॉडर्न रेलवे स्‍टेशन, इन शहरों के यात्रियों को मिलेगी राहत

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नई दिल्‍ली. रेल मंत्रालय देशभर के 500 से अधिक रेलवे स्‍टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाने जा रहा है. इनमें से तमाम स्‍टेशनों का डेवलपमेंट का काम दो वर्षों में पूरा हो जाएगा. इनके बाद इन स्‍टेशनों से ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों का आवागमन आसान हो जाएगा. इसी तरह एक एक स्‍टेशन दिल्‍ली बॉर्डर पर डेवलप किया जा रहा है. इस स्‍टेशन के तैयार होने से दोहरा लाभ होगा. पहला इस स्‍टेशन आसपास के चार शहरों के यात्रियों को सुविधा हो जाएगी, इसके अलावा दिल्‍ली के स्‍टेशनों में यात्रियों का दबाव कम हो जाएगा. क्‍योंकि यात्री दिल्‍ली के बजाए इसी स्‍टेशन से ट्रेन पकड़ेंगे.

रेल मंत्रालय द्वारा डेवलप किए जा रहे स्‍टेशनों में एनसीआर के सबसे बड़े स्‍टेशन के रूप में गाजियाबाद स्‍टेशन को डेवलप किया जा रहा है. स्‍टेशन के निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है. दिल्‍ली हावड़ा लाइन पर पड़ने वाला यह स्‍टेशन इसलिए खास है, क्‍योंकि यहां से रोजाना करीब 400 ट्रेनें गुजरती हैं. इनमें सभी तरह की ट्रेनें मिलाकर 200 के आसपास का ठहराव होता है. केन्‍द्र सरकार ने ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्‍टेशनों को डेवलप करने का फैसला लिया है.

इन शहरों के लोगों को मिलेगी राहत

एनसीआर में उत्‍तर प्रदेश के चार शहर गाजियाबाद, ट्रांस हिंडन, नोएडा और ग्रेटर नोएडा दिल्‍ली से जुड़े हैं. इन शहरों में रहने वाले ज्‍यादातर लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्‍ली जाना पड़ता है. क्‍योंकि अभी गाजियाबाद स्‍टेशन में सुविधाओं का अभाव है. इसलिए लोग करीब के गाजियाबाद स्‍टेशन के बजाए करीब 30 से 40 किमी. दूर दिल्‍ली जाते हैं. स्‍टेशन डेवलप होने के बाद इन चारों शहरों के लोग इसी स्‍टेशन से ट्रेन पकड़ेंगे. यात्रियों संख्‍या बढ़ने पर यहां ट्रेनों का ठहराव भी बढ़ा दिया जाएगा. इस तरह यात्रियों की दिल्‍ली तक की दौड़ बचेगी.

ये होंगे बदलाव

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन को डेवलप करने में करीब 450 करोड़ की लागत आने का अनुमान है. जिसमें स्टेशन के प्रवेश द्वार,प्लेटफार्म, वेटिंग रूम, टिकट बुकिंग रूम, यात्री सुविधा, लिफ्ट, एस्‍क्‍लेटर, स्टेशन पर आवागमन के रास्ते, पार्किंग, फूड कोर्ट डेवलप किया जाएगा.

2025 तक बदल जाएगी सूरत

गाजियाबाद स्‍टेशन को विकसित करने के लिए दो साल का समय तय किया गया है. इस तरह 2025 तक तैयार हो जाएगा. यानी दो वर्ष बाद एनसीआर के चार शहरों के लोगों की ट्रेन यात्रा सुविधजनक होने जा रही है.

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