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22 मार्च से चैत्र नवरात्र, इन 4 तिथियों पर बन रहे विशेष योग, ज्योतिषाचार्य से जानें कलश स्थापना का मुहूर्त

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हाइलाइट्स

उत्तर भाद्रपद नक्षत्र प्रतिपदा की तिथि के मिलने से शुक्ल योग भी बनने जा रहा है.
ये योग सूर्योदय से पूर्वान्ह 9:00 बजे 9:18 तक रहने वाला है.

Chaitra Navratri 2023: हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहारों की विशेष मान्यता और महत्व होता है. साल भर में कुल 4 नवरात्रे पड़ते हैं इनमें से शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र खास महत्व रखते हैं. इस वर्ष 2023 में चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है. जो 30 मार्च तक चलेगी. चैत्र नवरात्रि शुरू होने के साथ ही नया हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत भी शुरू हो जाएगा. नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त के साथ नवरात्रि का प्रारंभ होता है. इस बात चैत्र नवरात्रि पर कुछ शुभ मुहूर्त और योग बन रहे हैं. इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

8 शुभ योग

माता गौरी के 9 रूपों की आराधना करने वाले इन विशेष नवरात्रों के कालखंड के प्रथम दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से भारतीय विक्रम संवत 2080 का प्रारंभ होगा. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10:52 से 22 मार्च को रात 8:20 तक रहने वाली है. इसके बाद उदया तिथि के अनुसार नवरात्र 22 मार्च से प्रारंभ हो जाएंगे. नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहेगा. हिंदू धर्म शास्त्रों में इस नक्षत्र को ज्ञान खुशी और सौभाग्य का सूचक माना गया है. ये सूर्योदय से लेकर दोपहर 3:32 तक रहने वाला है. इस नक्षत्र के स्वामी शनि और राशि स्वामी गुरु है.

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उत्तर भाद्रपद नक्षत्र प्रतिपदा की तिथि के मिलने से शुक्ल योग भी बनने जा रहा है. ये योग सूर्योदय से पूर्वान्ह 9:00 बजे 9:18 तक रहने वाला है. इसके बाद ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा. ब्रह्म योग 23 मार्च की सुबह 6:16 तक रहने वाला है. वहीं दोपहर में 1:26 से इंद्र योग प्रारंभ होगा. इस तरह चैत्र नवरात्र के प्रथम तिथि तक तीन शुभ योग बनेंगे. द्वितीय तिथि पर 23 मार्च को सर्वार्थसिद्धि मंगल और यश योग बनने जा रहे हैं. वहीं तृतीया और अष्टमी को त्रिपुष्कर और मालव्य योग बनेंगे. प्रतिपदा तिथि पर बन रहे तीन में से दो योग सूर्योदय के समय आरंभ हो जाएंगे. योग काल में घटस्थापना बहुत ही लाभदायक मानी जा रही है.

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घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना : प्रतिपदा 22 मार्च
शुभ मुहूर्त प्रातः : 6 बजकर 30 मिनट से प्रातः 7 बजकर 32 तक
शुभ मुहूर्त की अवधि :1 घंटा 9 मिनट

Tags: Astrology, Chaitra Navratri, Dharma Aastha, Navaratri, Navratri, Navratri Celebration, Navratri festival, Religion

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