दुनिया का सबसे महंगा आम, 99.99% इंडियन की औकात से बाहर, टाटा-बिरला की कमाई भी कम पड़ेगी!

Most Expensive Mango: दुनिया में किसी भी चीज की महंगाई की कोई लिमिट नहीं है. अब फलों के राजा आम को ही लीजिए. अपने देश में आम का सीजन शुरू हो चुका है. दुनिया में हम अपनी अलग-अलग वैराइटी के आम के लिए जाने जाते हैं. अपने देश में पैदा आम दुनिया के तमाम देशों में निर्यात भी किए जाते हैं. हम दशहरी से लेकर लंगड़ा और अल्फांसो से लेकर बंबईया तक की मिठास दुनिया में फैलाते हैं. प्राकृतिक तौर पर भी केवल भारतीय उप महाद्वीप में ही आम की पैदावार होती रही है. लेकिन, अब एक नए किस्म का आम बाजार में है. यह आज की तारीख में दुनिया का सबसे महंगा आम है.
इस खास आम की महंगाई की कल्पान आप इसी से कर सकते हैं कि भारत की 99.99 फीसदी जनता की औकात इस फल को खरीदने की नहीं है. इतना ही नहीं टाटा-बिरला जैसे अमीर लोगों का परिवार भी पूरे सीजन यह आम नहीं खा सकता. वैसे तो यह एक बेहतरीन आम है लेकिन इसकी कीमत ने इसे दुनिया में बेहद अमीर लोगों का फल बना दिया है.
सिंदुरिया जैसा रंग
हम जिस आम की बात कर हैं वह हमारे देश में पैदा वाले आम की एक खास वैराइटी जैसा ही है. अपने यहां सीजन के मध्य में सिंदुरिया आम बाजार में आ जाता है. देखने में यह बेहद खूबसूरत होता है, लेकिन इसे स्वाद के लिए नहीं जाना जाता है. स्वाद के मामले में लंगड़ा, दशहरी और अल्फांसो को ख्याती प्राप्त है. लेकिन, आज हम जिस वैराइटी की बात करने जा रहे हैं उसकी कीमत 2.70 लाख रुपये किलो है. इसकी पैदावार जापान के मियाजाकी सिटी में की जाती है.
इसकी वैराइटी मियाजाकी कहलाती है. यह आम पर्पल रंग का होता है. वैसे तो आम के पैदावार के मामले में अपना देश दुनिया में विख्यात है. लेकिन मियाजाकी की खेती जापान के क्यूशू इलाके के मियाकाजी शहर में होती है. इसीलिए इसका नाम भी मियाकाजी आम है. इस एक आम का वजन करीब 350 ग्राम होता है. इसमें 15 फीसदी के करीब शुगर पाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह आम तीन लाख रुपये किलो के आसपास है. एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में यह 2.70 लाख रुपये किलो बिका था.
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भारतीय आम से अलग है इसका रंग
दुनिया में आम मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप वाले इलाके में पैदा होते हैं. तमाम वैराइटी वाले आम का रंग मुख्य रूप से पीला और लाल होता है. लेकिन, इस मियाजाकी का रंग पर्पल होता है. जापान के मियाजाकी लोकल प्रोडक्ट एंड ट्रेड प्रोमोशन सेंटर के मुताबिक इस आम की पैदावार अप्रैल से अगस्त के बीच तैयार होती है. यह दक्षिण एशिया में पैदा होने वाले आम से बिल्कुल अलग है. यह आम पूरे जापान में बेचा जाता है.
आंखों की रोशनी के लिए संजीवनी है यह आम
मियाजाकी लोकल प्रोडक्ट एंड ट्रेड प्रोमोशन सेंटर के मुताबिक इस आम में खास न्यूट्रीशनल वैल्यू पाया जाता है. यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. इसमें बीटाकैरोटीन और फॉलिक एसिड पाया जाता है. ये दोनों चीजें आंखों की रोशन के लिए बेहद कारगर होती हैं. सेंटर का ऐसा दावा है कि आंखों की कमजोर रोशनी ठीक करने में ये काम बेहद कारगर साबित होते हैं.
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात से पहले हर एक आम की प्रोपर जांच की जाती है. इस आम की खेती 1970-80 के दशक से जापान में की जा रही है. अब इसके पौधे भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड और फिलिपींस जैसे देशों में लगाए जाने की रिपोर्ट है.
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FIRST PUBLISHED : May 05, 2023, 15:25 IST
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