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काम की खबर: ग्रेटर नोएडा एक्स्प्रेस वे पर फर्राटा भरा तो कटेगा चालान, जाने लें नई स्पीड लिमिट

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नोएडा. बीते दिनों लगातार एक्सप्रेस-वे पर हो रही घटनाओं पर ब्रेक लगाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. नोएडा ट्रैफिक सेल और डीसीपी ट्रैफिक के साथ बैठक हुई इसमें एक्सप्रेस वे और पूरे नोएडा के मुख्य सड़कों की स्पीड लिमिट को तय किया गया. नए नियम के तहत अब नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस पर चार पहिया वाहनों की स्पीड को 100 किमी प्रति घंटा से घटकार 75 किमी प्रति घंटा किया गया है, वहीं भारी वाहनो की लिमिट 80 से घटाकर 60 किमी प्रतिघंटा की गई है.

इसके अलावा एमपी-1,2 और 3, रोड नंबर-6, डीएससी रोड की स्पीड लिमिट को 80 से घटाकर 60 किमी प्रतिघंटा किया गया है, वहीं एलिवेटड रोड पर चार पहिया वाहन 50 किमी और भारी वाहन 40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगे. ये नियम 15 फरवरी तक लागू रहेंगे. नोएडा ट्रैफिक सेल के डीजीएम एसपी सिंह ने बताया कि नए नियम कल से लागू कर दिए जाएंगे. इसके लिए तैयारी दो से तीन दिन में पूरी कर ली जाएंगी. स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाने का काम शाम से शुरू कर दिया जाएगा. दो दिन में बोर्ड लगा दिए जाएंगे. इसके अलावा सड़क किनारे रिफ्लेक्टर और पीले साइन बोर्ड के अलावा अन्य बोर्ड पर रेडियम पट्‌टी लगा दी जाएगी, ताकि कोहरे में लोगों को दिशा सूचक बोर्ड दिखने में आसानी हो.

स्पीड डिटेक्शन कैमरों को किया गया सेट

आपके शहर से (लखनऊ)

उत्तर प्रदेश

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नोएडा शहर सर्विलांस पर है. यहां चालान ऑनलाइन किए जा रहे है. इसके लिए जगह-जगह स्पीड डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं. अभी इन कैमरों को इस तरह से सेट किया गया था कि 100 किमी के ऊपर वाहनों की स्पीड होने पर चालान जनरेट होता था. अब नए नियमों के अनुसार इनको सेट कर दिया गया है, ऐसे में नई स्पीड लिमिट के ऊपर जाने पर चालान जेनरेट होगा.

सीधे यमुना और लखनऊ एक्सप्रेस को जोड़ता है एक्सप्रेस वे

ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे दिल्ली को नोएडा और ग्रेटरनोएडा से जोड़ता है. ये यमुना एक्सप्रेस वे को भी सीधे जोड़ता है. छह लेन का एक्सप्रेस वे 23 किमी का है. इसका 20 किमी का हिस्सना नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में आता है, ऐसे में पूरे एक्सप्रेस वे की स्पीड लिमिट को तय कर दी गई है. नोएडा की  मुख्य सड़कों को मॉडल रोड के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके लिए ट्रायल रन (पायलट प्रोजेक्ट) तैयार किया जा रहा है, जिसका काम अंतिम चरण में है. ट्रायल मॉडल बनने के बाद इसे सीईओ के समक्ष रखा जाएगा.

एप्रूवल मिलते ही तीनों को मुख्य सड़कों को मॉडल रोड में कनवर्ट किया जाएगा. इन सड़कों को वाईफाई कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा. साथ ही स्मार्ट बैंच, स्मार्ट बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड, अंडरग्राउंड डस्टबीन, स्मार्ट एटीएम, क्योस्क को भी शामिल किया गया है.

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