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बिहार में उभरने लगा NDA का पुराना स्वरूप, महागठबंधन और नीतीश की बढ़ी मुश्किल, होने वाला है बड़ा ‘खेला’!

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हाइलाइट्स

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA का पुराना स्वरूप बनाने की कवायद.
उपेंद्र कुशवाहा की जेपी नड्डा से मुलाकात और जीतन राम मांझी के तेवर से मिले संकेत.
चिराग पासवान ने प्राय: एनडीए के साथ होने का इशारा किया, सहनी ने भी दिए संकेत.

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इस प्रयास में लगे हुए हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) के पहले बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा बनाया जाए. इसे लेकर वे लगातार देश का दौरा कर नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और 12 जून को पटना में विपक्षी एकता (Opposition Unity) को लेकर एक बड़ी बैठक का आयोजन भी प्रस्तावित है, जिस पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं. एक तरफ नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ मोर्चे की तैयारी कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन (Mahagathbandhan) के अंदर ही हलचल तेज है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के तेवर को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा गर्म है कि उनका अगला कदम क्या होगा?

दरअसल, जीतन राम मांझी के तेवर और उपेन्द्र कुशवाहा के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलना, बिहार की सियासत के लिए बड़ा संकेत भी देने लगा है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी की पूरी कोशिश है कि 2015 में एनडीए का पुराना समीकरण बने और उसका स्वरूप सामने आए. बता दें कि  जदयू से अलग होने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी के प्रति अपनी नजदीकियां जाहिर की थी. उसके बाद दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अब शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है. इस मीटिंग को सियासी गठबंधन के नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए के साथ आ सकते हैं.

कुशवाहा-नड्डा की मुलाकात हुई, क्या बात हुई?
उपेंद्र कुशवाहा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आईं. वहीं, जब उनसे इस मुलाकात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मेरी पुरानी जान-पहचान है. हमलोग मंत्रिमंडल में भी साथ-साथ थे. मुलाकात सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई है और मैंने तो पहले भी अपनी राय रखी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2024 में कोई चुनौती नहीं दे सकता है. हालांकि, जब कुशवाहा से ये पूछा गया कि क्या आप एनडीए के साथ आ सकते हैं, इसपर उन्होंने कहा थोड़ा इंतजार कर लीजिए. बहुत जल्द पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.

आपके शहर से (पटना)

जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की
वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन ने भी अपने बयान से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा रखीं हैं. अब ये साफ- साफ संकेत मिलने लगे हैं कि मांझी और उनकी पार्टी महागठबंधन में खुश नहीं है. मांझी ने अपनी नाराजगी भी खुलेआम जाहिर की है और मांग भी सामने रख दी है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ कर बड़ा संकेत भी दिया है. चर्चा है कि बीजेपी 12 जून की बैठक की चर्चा के बीच पुराने एनडीए को फिर से एक साथ लाने की कवायद में जुट गया है.

चिराग, मुकेश, कुशवाहा और मांझी के ‘मन की बात’!
यहां यह भी बता दें कि चिराग पासवान ने बीजेपी से अपनी नजदीकियों को जाहिर कर पहले ही एनडीए का हिस्सा होने का संकेत दे दिया है. उपेन्द्र कुशवाहा भी बीजेपी से करीब होने का संकेत लगातार दे रहे हैं. इधर विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को वाई श्रेणी की सिक्योरिटी मिलना और मुकेश सहनी का बीजेपी को लेकर सकारात्मक रुख दिखाना भी एनडीए के स्वरूप के लिए बड़ा इशारा है. यहां यह भी बता दें कि ये सभी नेता और पार्टियां पहले भी बीजेपी के साथ थे और जाहिर है बीजेपी ने भी इन्हें फिर से अपने साथ जोड़ने की तैयारी कर ली है.

राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता- सम्राट चौधरी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी इस सवाल पर कहते हैं,  मुझे फिलहाल इस सवाल पर कुछ नहीं कहना है क्योंकि आलाकमान तय करेगा. लेकिन, मांझी जी एक बड़े नेता हैं और उनका बड़ा सम्मान है. राजनीति में कल क्या हो जाए कौन जानता है. कुशवाहा जी और चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री को लेकर जो राय रखी है वो आपके सामने है. समय आने दीजिये सब तस्वीर आपको साफ-साफ दिखाने लगेगी.

Tags: CM Nitish Kumar, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Opposition Parties, Opposition unity

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