उफ ये सर्दी! कड़ाके की ठंड में ठंडे पानी से नहाने को मजबूर छात्राएं, जानें क्या है वजह?
रिपोर्ट- हर्षिल सक्सेना
बारां. जिला मुख्यालय पर स्थित छात्रावास में कड़ाके की सर्दी में भी छात्रावास की छात्राओं को ठंडे पानी ने नहाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. एक ओर तो बेटी शिक्षा को लेकर सरकार की ओर से बहुत जतन किए जाते है. वहीं दूसरी और कॉलेज छात्राओं को सुविधाओं के नाम पर परेशान होना पड़ रहा है. राजकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में स्थित राजकीय सावित्री बाई फूले छात्रावास में विभिन्न कक्षाओं की करीब 70 से अधिक छात्राएं रहकर पढ़ाई कर रही है. लेकिन इन छात्राओं को जहां बरसात में छात्रावास तक पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ती है. वहीं सर्दी के मौसम में भी टंकी के ठंडे पानी ने नहाने को मजबूर होना पड़ रहा है.
सोलर सिस्टम लगा तो सही लेकिन नहीं आया काम
वर्ष 2013 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से छात्राओं के लिए राजकीय सावित्री बाई फूले छात्रावास की शुरुआत की गई थी. शुरुआत में करीब 30 छात्राओं ने प्रवेश लिया. जिनकी संख्या वर्ष 2014 में 70 करीब हो गई थी. तब से अभी तक 70-75 छात्राएं अध्ययन करने के लिए यहां निवास करती है. भवन निर्माण होने के बाद जयपुर की एक कम्पनी ने छात्राओं गर्म पानी की सुविधा के लिए सोलर सिस्टम के माध्यम में गर्म पानी उपलब्ध करवाने के लिए सिस्टम लगाया गया था. लेकिन वह आज तक भी चालू नही हो पाया है. ऐसे में वह महज शोपीस साबित हो रहा है.
आपके शहर से (बारां)
ठंडे पानी से बीमार होने का अंदेशा
छात्रावास में वर्तमान में करीब 75 छात्राएं निवास कर रही है. लेकिन उन्हें कई परेशानियों से जुझना पड़ रहा है. कड़ाके की सर्दी के दिनों में भी छात्राओ को टंकी के ठंडे पानी से नहाना पड़ता है. ऐसे में कई छात्राएं बीमार पड़ जाती है.
छात्राओं का यह कहना
छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाली बीए फाइनल की छात्रा शिवानी वर्मा, बीएससी द्वितिय वर्ष की बिन्दीयां वैष्णव, बीए फाइनल की भारती मेघवाल, एमए प्रवेश की नीतू बैरवा, बीएसटीसी की आकांक्षा मालव आदि छात्राओ ने बताया कि छात्रावास में गर्म पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण ठंडे पानी से नहाने की मजबूरी है. जिसके चलते छात्राएं बीमार भी हो जाती है. वहीं छात्रावास में दिया जाने वाला भोजन भी गुणवत्ता पूर्ण नहीं मिलता है. भवन के चारों और गंदगी, कचरे के हालात के चलते कई बार जहरीले जीव भी छात्रावास में प्रवेश कर जाते है.
कई बार की शिकायत की, लेकिन नहीं निकला हल
छात्राओं सहित चौकीदार और वार्डन ने इस मामले में कई बार उच्चाधिकारीयों को अवगत करवाया है, लेकिन उच्चाधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने के कारण परेशानी बनी हुई है.
इनका यह कहना
छात्रावास की वार्डन अनुराधा चौरसिया ने बताया कि उन्हें दो माह पूर्व की छात्रावास वार्डन का अतिरिक्त कार्य दिया गया है. उनकी नियुक्ति शहर के बम्बूलिया विद्यालय में है. दोनों जगह कार्य देखना पड़ता है. यहां की समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. छात्रावास की समस्या को लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अमल चौधरी ने बताया कि जयपुर अधिकारियों को लिखा गया है. जिससे शीघ्र ही समाधान की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि उन्हे यहां अभी तीन माह पूर्व ही कार्यभार ग्रहण किया है.
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Tags: Baran news
FIRST PUBLISHED : December 20, 2022, 12:12 IST
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