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Good News: बांका में अब दिव्यांग बच्चों की नहीं रुकेगी पढ़ाई, मशीनों से लगी ‘मस्ती की पाठशाला’

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बांका. दिव्यांग बच्चों के लिए 90 दिनों का स्पेशल कैंप यानी ‘मस्ती की पाठशाला’ लगाई गई है. यहां बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं. सबसे अहम इस कैंप में इस बार बच्चों को दो नई डिवाइस की मदद से पठन पाठन कराया जा रहा है. इसमें एक एनी मशीन और दूसरी मोबाइल डिवाइस है. सरकार की ओर से यह दोनों डिवाइस पहली बार जिले के दिव्यांग बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है.

बच्चे और भी स्मार्ट तरीके से और भी बेहतर पढ़ाई कर सकेंगे
अभी तक यहां के बच्चे ब्रेल स्लेट, ब्रेलर मशीन, अबेकस और टेलर फ्रेम समेत अन्य सामग्रियों की मदद से पढ़ाई करते थे. लेकिन अब ये बच्चे एनी मशीन और मोबाइल डिवाइस की मदद से स्मार्ट तरीके से और भी बेहतर पढ़ाई कर सकेंगे. इन मशीनों के माध्यम से कैसे वे लोग अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. इसका प्रशिक्षण भी उन्हें केंद्र पर रह रहे शिक्षक दे रहे हैं.

कई स्तर पर है मददगार
एनी मशीन और मोबाइल डिवाइस पठन-पाठन के साथ-साथ दैनिक जीवन में भी दिव्यांग बच्चों के लिए मददगार साबित हो रहा है. स्पेशल कैंप में रहकर पढ़ाई कर रहे 11वीं के छात्र अरुण कुमार ने न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें बचपन से ही कुछ भी दिखाई नहीं देता है. इन दोनों मशीनों के माध्यम से उन्हें काफी आसानी हो रही है.

पहले अगर कोई व्यक्ति राह चलते मिल जाता था और उससे अगर हम फोन नंबर भी लेना चाहे तो बहुत दिक्कत होती थी. लेकिन मोबाइल डिवाइस ने इस समस्या को दूर कर दिया. पढ़ाई के साथ-साथ इसमें रिकॉर्डिंग की भी सुविधा है. हम किसी की बात को तुरंत रिकॉर्ड भी कर सकते हैं.

90 दिनों तक चलेगा कैंप, 50 छात्र लेंगे भाग
कैंप में इन बच्चों की देखरेख कर रहे शिक्षक कौशल किशोर तिवारी ने बताया कि जिले के विभिन्न स्कूलों से इस कैंप में 50 छात्र भाग ले रहे हैं. इन्हें खेल-खेल में बेहतर शिक्षा दी जा रही है. बच्चों के मनोरंजन के लिए लूडो, कैरम समेत अन्य खेलकूद के सामान हैं. विशेष कैंप के प्रभारी विनय प्रसाद ने बताया कि या कैंप 90 दिनों तक चलेगा. इसके बाद यह सभी बच्चे अपने अपने विद्यालय में लौट जाएंगे. साल में एक बार इस तरह के कैंप का आयोजन किया जाता है.

एनी मशीन और मोबाइल डिवाइस ऐसे करता है काम
शिक्षक कौशल किशोर तिवारी ने बताया कि मोबाइल डिवाइस एक टेप रिकॉर्डर की तरह काम करता है. इसमें बच्चों को उनके कोर्स रिकॉर्ड कर दे दिए जाते हैं. देखने में यह मोबाइल फोन की तरह होता है. जिसे बच्चे जहां चाहे अपनी पॉकेट में लेकर घूम सकते हैं. जरूरत के अनुसार बच्चे इसमें पठन सामग्री को रिकॉर्ड भी कर सकते हैं. एनी मशीन की मदद से दिव्यांग बच्चे अपने कोर्स को रिवीजन करते हैं. एनी मशीन में लगी ब्रेल स्लेट की मदद से इनपुट अपलोड की जाती है.

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FIRST PUBLISHED : December 20, 2022, 17:42 IST

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