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Agra: ताजमहल घूमने वाले पर्यटकों को खूब पसंद आ रही घोड़ा गाड़ी की सवारी!

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रिपोर्ट: हरिकांत शर्मा
Agra:आगरा में मुगल काल से ही ताजमहल के इर्द-गिर्द एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए घोड़ा गाड़ी, ऊंट गाड़ी, बैलगाड़ी का इस्तेमाल किया जाता था. इसमें हाथी भी शामिल थे. कई जगहों पर आज भी उनके निशान मिलते हैं. अब ताजमहल के आसपास ई रिक्शा चलते हैं. लेकिन अब एक बार फिर से ताजमहल के आसपास घोड़ा गाड़ी, ऊंट गाड़ी की सवारियों का चलन बढ़ने लगा है. पर्यटकों को भी घोड़ा गाड़ी की सवारी खूब भा रही है.

पक्की सराय के रहने वाले हनीफ पिछले 60 सालों से घोड़ा गाड़ी (तांगा) चलाते आ रहे हैं. हनीफ़ बताते हैं कि एक समय था जब हमारी गाड़ियां ताजमहल के बिल्कुल गेट तक पहुंचती थीं. वहां पर घोड़ा, ऊंट गाड़ियों के लिए चारे पानी की व्यवस्था थी. पुरानी सब्जी मंडी में तो बकायदा तांगा स्टैंड के नाम से चौराहा भी है. लेकिन अब पाबंदियां लगा दी गई हैं. हमारे घोड़े ताजमहल से बहुत पहले रोक दिए जाते हैं.

एक से डेढ़ लाख में तैयार होता है घोड़ा
तांगा चलाने वाले शाहरुख बताते हैं कि एक घोड़ा गाड़ी तैयार करने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये का खर्चा आता है. ₹50 हजार का तो केवल घोड़ा ही आता है और उसके बाद फिर गाड़ी को सजाने का खर्चा अलग. जितनी अच्छी गाड़ी होती है, पर्यटक उसकी सवारी करना पसंद करते हैं. उनके घर का खर्च भी इसी घोड़े गाड़ी से निकलता है. उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले दिनों मेरा एक नया घोड़ा बीमारी की वजह से मर गया था. जिसकी वजह से मेरा काफी नुकसान हो गया था. अब मैंने अपने दूसरे पुराने घोड़े को इस धंधे में लगा लिया है लेकिन वह बूढ़ा हो गया है. 1 पर्यटकों के ग्रुप को घुमाने के लिए 100 से ₹200 चार्ज करते हैं. पहले ताजमहल के बिल्कुल नजदीक तक पर्यटकों को छोड़ कर आते थे लेकिन अब तो ताजमहल से 200 से 300 मीटर दूरी पर हीपुलिस वाले रोक देते हैं’.

पर्यटकों को पसंद आ रही है घोड़ा गाड़ी
जबलपुर से आए एक पर्यटक नेघोड़ा गाड़ी में सवारी करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वह आगरा ताजमहल घूमने पहुंचे जहां पर उन्होंने ई-रिक्शा की जगह घोड़ा गाड़ी को चुना. क्योंकि उनके शहर में इस तरह की सजी सजाई घोड़ा गाड़ी नहीं मिलती हैं. ताजमहल के पास खड़ी यह घोड़ा गाड़ी बहुत सुंदर लग रही थी. यही वजह है कि उन्होंने घोड़ा गाड़ी पर बैठने का निर्णय लिया और खूब मजा आया.

तांगे वालों की क्या है मांग ?

ताजमहल के सभी गेटों पर लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा घोड़ा गाड़ी इस समय संचालित हैं. बड़ी संख्या में लोगों की रोजी रोटी और घर का चूल्हा इन्हीं घोड़ा गाड़ियों से चलता है. लेकिन इनके आगे अब बेहद समस्याएं हैं. पहले ताजमहल के पास तक गाड़ियां पहुंची थीं. लेकिन अब पाबंदियां लगा दी गई हैं. पुलिस वाले इन तांगे वालों को शिल्पग्राम के पास भी खड़ा भी नहीं होने देते हैं. जिसकी वजह से इनका धंधा कम हो गया है. एक घोड़ा गाड़ी बनाने में लगभग ₹1 लाख का खर्च आता है.एक घोड़े के महीने का खर्च ₹10 हजार आता है. खाने में घोड़ा जो चना गुड़ खाता है वो बहुत महंगा है.

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FIRST PUBLISHED : December 19, 2022, 08:46 IST

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